सितंबर 21, 2009

राहुल की नई नौटंकी....

कभी दलितों के घर खाना खाने, कभी सुरछा घेरा तोड़कर प्रशंसकों से मिलकर सुर्खियाँ बटोरने वाले राहुल गाँधी आजकल एक नई नौटंकी के कारण चर्चा में हैं। चंद दिनों पहले कांग्रेस सुप्रिमो सोनिया गाँधी की इकोनॉमी क्लास में मुंबई यात्रा उस दिन की प्रमुख ख़बर बनी। राहुल ने अगले हीं दिन शताब्दी एक्सप्रेस के कुर्सीयान से लुधियाना तक की सफर की और मीडिया में सुर्खियाँ बटोरी। माँ-बेटे के इस नौटंकी से भले हीं कुछ हज़ार रूपये की बचत हुयी, लेकिन आम गरीब-गुरबा जनता का ध्यान महंगाई,गरीबी,बेरोजगारी ,किसानो द्वारा आत्महत्या, पाक-चीन द्वारा घुसपैठ ,पुअर गवर्नेंस से हटकर सादगी और कटौती पर बँट गया। यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। ख़बर आयी की राहुल कलावती से मिलने गए। अच्छी बात है। लेकिन, अकेले विदर्भ में हजारो किसान आत्महत्या कर चुके हैं उनकी विधवाओं का सुध संप्रग सरकार ने कभी ली? देश में लगभग 80% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं तथा लगभग 65% लोग 20 रूपये में दैनिक गुजारा करते हैं। ऐसे देश में संप्रग सरकार के कई रईश मंत्री जनता के रुपयों से लाखों रूपये प्रतिदिन खर्च कर पांचसितारा होटलों में ऐशो-आराम करते हैं। राहुल जी आपकी पार्टी तथा सरकार आम आदमी की बात करती है, इकोनॉमी क्लास की बात करती है, क्या आप बता सकते हैं कि आपकी सरकार या पार्टी में कितने मंत्री या सांसद साधारण परिवार से हैं?
सरकारी योजनाओं में भ्रस्टाचार की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अक्सर कहा जाता है कि एक रूपये में ८५ पैसे भ्रस्त तत्वों की जेब में पहुँच जाते हैं। ख़ुद राहुल गाँधी ने इसे स्वीकारा है। जिस नरेगा की सफलता का ढोल पीटकर यूपीये सरकार दोबारा सत्ता में आयी है, उसी नरेगा के क्रियान्वयन में जैसी धांधली हो रही है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि पुरा रुपया हीं खाया जा रहा है। यह सच है कि राहुल सच्चाई कबुलते हैं, लेकिन सिर्फ़ सच्चाई कबूलने से सुधार नहीं हो जायेगी। चंद हज़ार रूपये बचाने के लिए सादगी का नौटंकी करने वाले सोनियां-राहुल का ध्यान नरेगा तथा कई और सरकारी योजनाओं पर क्यों नही जाता जहाँ करोड़ों का घोटाला हो रहा है।
चलते-चलते.......
मरियल ने पाई कुर्सी और चंगा हो गया
नेताजी ने फूंकमारी तो दंगा हो गया
हिलने लगा है जबड़ा और दुःख रही शरीर
कल गांधीवादियों से मेरा पंगा हो गया।

12 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

kaha se chori karake likhe hai bhai jan
vaise ap likhte bahut aacha hai

avi-pankaj ने कहा…

राहुल का नहला पे रंजीत का दहला.....
ये न हुई बात!
लगता है आप हाथ धोकर राहुल गाँधी क पीछे पड़ गए हैं.

Unknown ने कहा…

आपने बिलकुल सही लिखा है कि एस.एम.कृष्णा तथा शशि थरूर जैसे करोड़पतियों से सजी संप्रग सरकार सिर्फ दिखावे के लिए इकोनोमी क्लास की बात कर रही है. राहुल गाँधी का प्रयाश अच्छा है लेकिन उसमे वोट बैंक की राजनीती का गंध आ रहा hai.
thank you!

बेनामी ने कहा…

bahut badhiyan likha hai aapne. aapki lekhni mujhe kuchh sochne par mazboor kar diya hai.aise hi likhte rahiye.....

Unknown ने कहा…

राहुल गाँधी की अच्छी खिंचाई की है आपने....

Bablu ने कहा…

Bahut hi khubsurti se rahul ki nautanki ko apne likha hai .
agar log rahul ki nautanki samjh pate to or achha hota desh ke liye.

बेनामी ने कहा…

achcha prayash likhte rahiye.......
VINITA

Unknown ने कहा…

राहुल का नौटंकी बहुत जल्द बंद होने वाला है........

Unknown ने कहा…

nautanki se achcha DRAMA kahiye.....

CSK ने कहा…

मगर इस तथाकथित नौटंकी का एक दूसरा सकारात्मक पहलु भी है. लोग उनसे सवाल करते हैं कि आप बाकी करोडो गरीबों की सुध क्यूँ नहीं लेते? मैं समझता हूँ और जैसा कि कांग्रेस हाईकमान का आदेश है कि सभी कार्यकर्त्ता अपने-अपंने क्षेत्र के दलितोंं के यहाँ समय बिताएं और उनकी समस्याओं को सुंने-समझें,तो यह एक ऐतिहासिक कदम है.कांग्रेस ही नहीं किसी भी पार्टी के नेता कार्यकर्त्ता अगर अपने क्षेत्र में यही करेंं तो स्थिति में कुछ न कुछ तो सुधार हो ही सकता है.मुझे लगता है इस प्रयोग के पीछे राहुल जी की यही मानसिकता रही होगी शायद!

Ankit Jain ने कहा…

Tadapke Dekho Kisiki Chahatme To

Pata Chale Pyar Kya Hota Hai,

Mil Jaye Har Koi Yunhi Rahonme

To Kasie Pata Chale Ki

Intezar Kya Hota Hai…

@nkit

Unknown ने कहा…

bhut bady hai sir app ka atickal aur bihar ka liya kuch kach hae hota hai sir