मई 09, 2009

जूते की महिमा...

अगर आप हिन्दी साहित्य से ताल्लुक रखते होंगे तो "पादूका वियोग पठ्याण" जरुर पढ़ा होगा। जिसमे जूते चोरी से बचने के उपायों की चर्चा की गई है।अगर आप हिंदी सिनेमा के शौकीन हैं तो राजकपूर साहब का फिल्म "बूट पॉलिश" जुरुर याद होगा जिसमे दो गरीब बच्चे जूते को अपना जीविकापार्जन का साधन बनाते हैं। और फिल्म "हम आपके हैं कौन" का गाना 'जूते लेलो पैसे देदो' हमारे समाज के रस्म-रिवाजों को बड़े खुबसूरत ढंग से दर्शाया गया है। और अगर आप इतिहास को खंघालें तो रामायण भरत ने राम का खडाऊं अपने सर पर रखकर वन से अयोध्या लाये थे, तथा राजसिंहासन पर रखकर उसकी पूजा किया करते थे। एक उदहारण वाराणसी से-कहते हैं मदनमोहन मालवीय जब काशी विश्वविद्यालय बनवा रहे थे तब उन्होंने वहां के तत्कालीन राजा नबाव से सहयोग राशिः की थी। राजा नबाव राशिः देने से मूकर गए तो मालवीय साहब ने नबाव का जूता ही मांग डाला और राजा नबाव ने दे भी दिया। मालवीय साहब ने उस जूते को वाराणसी चौराहे पर नीलामी के लिए बोली लगवा दी. राजा नबाव ने अपनी इज्जत जाते देख अपनी ही जूता भरी रकम देकर ख़रीदा और फिर विश्वविद्यालय बनवाने में मदद भी की।
ये तो थी इतिहास की बातें, आज के समय में जूता दूनिया की राजनीति को इतना महिमामंडित करेगा ये किसी ने सोचा नहीं था। इराक में एक पत्रकार सम्मलेन में अमरीकी रास्त्रपति जोर्जे बुश पर जूता फेंका क्या गया जैसे जूता फेंकने की प्रतियोगिता ही चल पड़ी। बुश पर फेंके गए जूते की बोली लगी ५० करोड़ रूपये और मुंतजिर अल जैदी बना इराकवासियों के दिल में हीरो और आये सैकडो शादी का प्रस्ताव। उसके बाद चीन के प्रधानमंत्री जियाबाओ पर एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने जूता फेका, जब वे कम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भाषण दे रहे थे। मीडिया में ये घटना खासकर मुंतजिर का जूता इतना सुर्खियाँ बटोरा कि चुनावी रंग में रंगे भारत में भी कुछ लोगों ने जूते को बनाया विरोध जताने का एक तरीका और पाया सुर्खियाँ. निशाने पर रहे गृहमंत्री पी. चिताम्बरम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी.एम. इन वेटिंग लालकृष्ण आडवानी, और कर्णाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा। कोई दोषियों को कर रहा है माफ, तो कोई दे रहा है इसे विरोधियों की साजिश। लेकिन हाँ! पत्रकार जनरैल सिंह के जूते का हीं कमाल था कि कांग्रेस ने जगदीश taitalar और सज्जन कुमार का टिकट काट दिया, और जनरैल सिंह सिख समुदाय के लिए हीरो बन गए।
जूते मारना हमारे समाज का चलता-फिरता उदाहरण है. लेकिन जो जूता नेताओं पर फेंके जा रहे हैं वह सचमुच विरोध जताने का एक तरीका है या फिर गिरते मानवीय मूल्यों का उदाहरण? इसपर आनेवाला समय में और बहस होना बाकी है।

13 टिप्‍पणियां:

जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा…

juta re juta tera rang kaisa

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जे हो जूता पुराण की

सागर नाहर ने कहा…

लोग अपने नये बन रहे घरों और कोई अपनी सम्पति को नजर लगने से बचाने के लिये भी जूता लटकाता है। यानि इतनी महान चीज जो पूजे जाने योग्य है वह हमारे पांवों में घिसटती है, वाकई हम जैसा अहसान फरामोश कोई हो ही नहीं सकता।
मजेदार रहा आपका जूता पुराण, बधाई।
***
एक अनुरोध है वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें, इसे हटाने के लिये Dash Board-Settings-comments में जाकर Show word verification for comments? के आगे Yes और No लिखा होगा उसे No कर दें।
धन्यवाद

प्रकाश गोविंद ने कहा…

bahut badhiya bhaayi

aanand aa gaya padhkar

दिल दुखता है... ने कहा…

हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है...

रवि कुमार, रावतभाटा ने कहा…

अच्छी शुरुआत..
शुभकामनाएं.....

वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें.....

हिन्दीवाणी ने कहा…

जूते पर अच्छा लिखा है आपने। यह वर्ड वेरिफिकेशन की अनिवार्यता हटा दें। इससे आपके विजिटर को सुविधा होती है। सेंटिंग में जाकर इसे बदल सकते हैं। लिखते रहें। मेरे ब्लॉग पर भी आएं।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

jute ka mahtav lagatar badh raha hai, narayan narayan

Sanjay Grover ने कहा…

हुज़ूर आपका भी ....एहतिराम करता चलूं ......
इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

ये मेरे ख्वाब की दुनिया नहीं सही, लेकिन
अब आ गया हूं तो दो दिन क़याम करता चलूं
-(बकौल मूल शायर)
कृपया अधूरे व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें।
मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर

avi-pankaj ने कहा…

juta re juta teri yahi kahani
banata tujhe mochi,netaon ka chhut raha pani...

achha laga...aisa hi likhte rahiye.....

Unknown ने कहा…

ranjit bhai...jute ki mahima padhkar bahut achha laga.....bhart ki rajniti hi itni gandi ho gayi hai k netaon par jitne v joote pade kam hai...

Unknown ने कहा…

Maharastra ke CM Ashok Chauhan par v joota feka gaya....bhale hi laga nahi....

Unknown ने कहा…

aaj pata hua joota kitna mahan hai.
likhte-gate rahiye jute ki mahima....